कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का आरोप “62 लाख वोट काटे गए, 20 लाख जोड़े गए, बिना SIR फॉर्म के 5 लाख जुड़े”

 



(विशेष संवाददाता)


भोपाल/पटना। बिहार विधानसभा चुनावों के बाद विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने हार की वजह के रूप में चुनावी प्रक्रिया व मतदाता सूची में अनियमितताएँ गिनाई हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा है कि उनकी पूर्व शंका अब “सही साबित होती” दिखाई दे रही है। 

उनका कहना है कि करीब 62 लाख मतदाता नाम मतदाता सूची से हटाए गए। 

साथ ही लगभग 20 लाख नए नाम जोड़े गए। 

इनमें से लगभग 5 लाख नाम ऐसे हैं जिन्हें उन्होंने दावा किया है कि वह बिना “SIR फॉर्म” (Special Intensive Revision फॉर्म) भरे जोड़े गए थे। 

उन्होंने ये आरोप लगाया कि हटाए गए मतदाताओं में गरीब, दलित और अल्पसंख्यक तबके की बड़ी संख्या है। 

साथ ही उन्होंने कहा है कि चुनाव में उपयोग की जा रही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) को लेकर उनकी शंका अभी भी बनी हुई है। 


चुनाव आयोग द्वारा वोटर सूची संशोधन

बिहार में चुनाव से पहले कांग्रेस को आंशका थी कि मतदाता सूची में बड़ी संख्या में नाम हटाए गए हैं और नए नाम जोड़ने की प्रक्रिया में अनियमितताएँ हो सकती हैं।

चुनाव आयोग ने राज्य में एक विशेष गहन मतदाता सूची संशोधन  प्रक्रिया चलायी। 

इस प्रक्रिया में करीब 65 लाख नाम हटाए गए। 

इस हटाई गई सूची में लगभग 22 लाख नाम “मृत” घोषित थे, लगभग 36 लाख “स्थायी रूप से स्थानांतरित” बताये गए। 

आयोग ने सूची सार्वजनिक की और इच्छुक मतदाताओं को दावा व आपत्ति दर्ज करने का अवसर दिया। 


हार के बाद कांग्रेस की प्रतिक्रिया

कांग्रेस ने इस हार की बड़ी वजह के रूप में मतदाता सूची संशोधन व EVM प्रक्रिया को बताया है। दिग्विजय सिंह के ताजा बयान ने इस दिशा में पार्टी के रुख को और पुष्ट किया है कि “जो मेरा शक था वही हुआ” उन्होंने कहा। 


ऐतिहासिक जीत के बाद पार्टी का रुख

मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा है कि “शिकायतें करने वाले शिकायत करते रहें” । यह संकेत है कि सरकार इस तरह के आरोपों को स्वीकार नहीं कर रही है या उन्हें राजनीति से जोड़कर देख रही है।


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