(विशेष संदाददाता)
दिल्ली। आज भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया है, लेकिन इस बार माहौल पूरी तरह बदल गया है। जहां पहले सोशल मीडिया और दर्शकों में इस मुकाबले को लेकर उत्साह देखने को मिलता था, वहीं इस बार देशव्यापी नाराजगी और विरोध नजर आ रहा है।
सोशल मीडिया पर लोग सरकार से सवाल पूछ रहे हैं कि पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान ने ऐसा क्या सकारात्मक कदम उठाया है, जिसे देखकर भारत सरकार ने उनके साथ क्रिकेट खेलने का निर्णय लिया। कई यूजर्स ने इस मैच के पूर्ण बहिष्कार की अपील की है और अपने साथियों-दोस्तों से इसे देखने से दूर रहने को कहा है।
विपक्ष की कड़ी प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता प्रबल प्रताप शाही ने पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने पर गहरी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “जब तक पहलगाम हमले के पीड़ितों को न्याय नहीं मिल जाता, तब तक इस तरह का मैच खेलने से मारे गए लोगों के जख्मों पर नमक छिड़कने के समान है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनकी नसों में सिंदूर बह रहा है। ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या क्रिकेट भी इसी ऑपरेशन का हिस्सा है।”
आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी इस मैच को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने कहा कि उनके सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता इस मैच का विरोध कर रहे हैं और हर देशवासी से इसके बहिष्कार की अपील की जा रही है। पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा, “जो देश आतंकवादियों को पाल रहा है और हमारे निर्दोष नागरिकों का खून बहा रहा है, उसके साथ क्रिकेट खेलना पहलगाम में शहीद हुए भारतीयों का अपमान है।”
AAP नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले कहा था कि पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ सभी संबंध रोक दिए जाएंगे। लेकिन अचानक ही क्रिकेट संबंध शुरू कर दिया गया। वहीं संजय सिंह ने सवाल उठाया कि क्या क्रिकेट खेलना ऑपरेशन सिंदूर के जारी रहने के समय उचित है।
पहलगाम हमले के बाद के हालात
पहलगाम हमले के बाद दोनों देशों के बीच कई तरह की व्यापारिक गतिविधियां, आवागमन और अन्य कामकाज रोक दिए गए थे। ऐसे में इस मैच का आयोजन जनता और विपक्ष दोनों के लिए संवेदनशील मुद्दा बन गया है।
सोशल मीडिया पर इस मैच को लेकर लोगों का गुस्सा साफ देखा जा सकता है। कई यूजर्स ने अपने मित्रों और परिवार से अपील की है कि वे भारत-पाकिस्तान मैच को देखने से बचें और इस खेल का बहिष्कार करें।