गाड़ियाँ खरीदी नहीं, किराए पर ली गईं: पुलिस ने दिया स्पष्टीकरण


 

डायल-112 परियोजना पर फैलाई जा रही भ्रामक सूचनाओं का खंडन, पाँच साल के लिए ₹972 करोड़ का टेंडर

(फ़िरोज़)

भोपाल। सोशल मीडिया पर बीते कुछ दिनों से डायल-112 परियोजना को लेकर भ्रामक दावे वायरल हो रहे हैं। पोस्टों में कहा जा रहा है कि सरकार ने फर्स्ट रिस्पॉन्स व्हीकल्स (FRVs) की खरीद पर गाड़ियाँ 30-40 लाख रुपए की जगह 1 करोड़ रुपए से अधिक कीमत पर खरीदी हैं और इस पर ₹1500 करोड़ खर्च कर दिए गए हैं। मध्यप्रदेश पुलिस ने इन दावों को पूरी तरह गलत और निराधार बताया है।


पाँच साल का है टेंडर

पुलिस के अनुसार, डायल-112 परियोजना का कुल टेंडर ₹972 करोड़ का है, जो कि पूरे पाँच वर्षों की अवधि के लिए निर्धारित है। यह केवल वाहनों की खरीद या किराये पर खर्च नहीं है, बल्कि इसमें कई अन्य मदें भी शामिल हैं।


कहाँ कितना खर्च होगा

₹719.75 करोड़ – 1200 फर्स्ट रिस्पॉन्स व्हीकल्स (FRVs) के संचालन, रख-रखाव और लगभग 5000 कर्मचारियों के वेतन पर।

₹78.5 करोड़ – स्टेट कमांड सेंटर, डेस्कटॉप्स और 500 से अधिक कर्मचारियों के वेतन पर।

₹174 करोड़ – आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर (हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, सर्वर एवं रखरखाव) पर।


किराए पर ली गई है गाड़ियाँ 

स्पष्ट किया गया है कि परियोजना के अंतर्गत गाड़ियाँ खरीदी नहीं गई हैं, बल्कि किराए पर ली गई हैं।

बोलेरो वाहन का मासिक किराया ₹32,000 तय किया गया है।

स्कॉर्पियो वाहन का मासिक किराया ₹36,000 है।


अफवाहों से बचने की अपील


मध्यप्रदेश पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस तरह की भ्रामक सूचनाओं पर ध्यान न दें और इन्हें सोशल मीडिया पर साझा करने से बचें। सही और प्रमाणिक जानकारी के लिए केवल मध्यप्रदेश पुलिस के आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करने की सलाह दी गई है।