20 से अधिक जिलों में 130 मरीज मिले, सीएम ने दिए रोकथाम के निर्देश
(सिटी रिपोर्टर)
भोपाल। राजधानी स्थित एम्स भोपाल के शोध में सामने आई खतरनाक बीमारी मेलिओइडोसिस ने प्रदेश सरकार को अलर्ट पर ला दिया है। इस बीमारी के लक्षण टीबी जैसे दिखाई देते हैं, लेकिन यह और भी घातक मानी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने दिए रोकथाम के निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रिसर्च रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य और कृषि विभाग को संयुक्त रूप से काम करने के निर्देश दिए। किसानों की जांच, इलाज और रोकथाम के लिए स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे।
यदि कोई किसान इस बीमारी से ग्रस्त पाया जाता है तो उसका इलाज पूरी तरह सरकारी खर्च पर कराया जाएगा।
20 जिलों में 130 मरीजों की पुष्टि
एम्स की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के 20 से अधिक जिलों में अब तक 130 मरीजों में मेलिओइडोसिस की पुष्टि हुई है। यह संक्रमण मुख्य रूप से संक्रमित मिट्टी और दूषित पानी से फैलता है।
लक्षण और खतरा
बीमारी के लक्षण अक्सर टीबी जैसे होते हैं –
बुखार और बार-बार बुखार आना
खांसी और सांस लेने में तकलीफ
सीने में दर्द
फोड़े या संक्रमण के घाव
मधुमेह के मरीज और शराब का अधिक सेवन करने वाले लोग इस बीमारी से ज्यादा प्रभावित पाए गए हैं।
जानलेवा संक्रमण
एम्स की रिसर्च में यह भी सामने आया है कि यह रोग बेहद खतरनाक है। हर 10 में से 4 मरीज की मौत हो जाती है। हालांकि, समय पर पहचान और इलाज मिलने पर मरीज पूरी तरह ठीक हो सकता है।
मेलिओइडोसिस क्या है?
यह एक गंभीर जीवाणु संक्रमण है, जो बर्कहोल्डेरिया स्यूडोमैलीआई नामक बैक्टीरिया से होता है।
यह बैक्टीरिया खासकर धान के खेतों की मिट्टी और गंदे पानी में पाया जाता है।
कृषि कार्य से जुड़े ग्रामीण किसानों को इसका अधिक खतरा है, लेकिन शहरी क्षेत्रों के लोग भी इससे अछूते नहीं हैं।
बीमारी कई अंगों को प्रभावित कर सकती है और बिना इलाज जानलेवा साबित होती है।