कोल्ड्रिफ कफ सिरप कांड में बड़ा खुलासा: डॉक्टर को कंपनी से मिलता था कमीशन, जमानत खारिज

 


(विशेष संवाददाता)

भोपाल/छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश में 25 मासूमों की जान लेने वाले कोल्ड्रिफ कफ सिरप कांड में अब एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। परासिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर प्रवीण सोनी ने कोर्ट में दिए अपने मेमोरेंडम बयान में यह स्वीकार किया है कि उन्हें सिरप प्रिस्क्राइब करने के एवज में श्रीसन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड से 10 प्रतिशत कमीशन दिया जाता था।

बताया गया है कि इस कोल्ड्रिफ कफ सिरप की एमआरपी ₹89 दर्ज है, और डॉक्टर को हर बोतल पर कंपनी की ओर से सीधे कमीशन मिलता था। जांच एजेंसियों के अनुसार, यह कफ सिरप मानक परीक्षण में फेल पाया गया था, जिसमें डाईथिलीन ग्लाइकोल (DEG) नामक घातक रसायन की उपस्थिति मिली थी। यही रसायन 25 बच्चों की मौत की मुख्य वजह बना।

इस मामले में डॉक्टर प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई। अदालत ने टिप्पणी की कि स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े व्यक्ति का ऐसा कृत्य अत्यंत गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।

इससे पहले श्रीसन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड के कारखाने और दफ्तरों पर ईडी व एफएसएल की संयुक्त छापेमारी की जा चुकी है। कंपनी के प्रबंध निदेशक समेत कई अधिकारियों से पूछताछ जारी है।

राज्य सरकार ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही प्रदेशभर में उस बैच के कोल्ड्रिफ सिरप को तत्काल प्रभाव से बाजार से वापस मंगाने के निर्देश जारी किए गए हैं।

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, यह भी जांच की जा रही है कि क्या प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसी कंपनी की दवाइयां डॉक्टरों को कमीशन पर दी जा रही थीं।

मामले की गंभीरता को देखते हुए अब जांच ईडी, एफएसएल और ड्रग कंट्रोल विभाग की संयुक्त टीम कर रही है।