(ओसाफ अली -7999411883)
भोपाल। राजधानी भोपाल-ए-शाही की संपत्तियों और उनके प्रबंधन को लेकर कई गंभीर प्रश्न उठाए जा रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ताओं और वक़्फ़ हितों से जुड़े लोगों का आरोप है कि औक़ाफ़-ए-शाही की विभिन्न संपत्तियों के संरक्षण और प्रबंधन में बड़े स्तर पर लापरवाही, अनियमितता और संभावित घोटालों की स्थिति बनी हुई है। इन मुद्दों को लेकर औक़ाफ़-ए-शाही, भोपाल की स्थानीय प्रबंधन समिति से जवाबदेही की मांग की जा रही है।
मुख्य आरोप और सवाल
• हाजियों के लिए बनाई गई मदीना रुबात का पाँच वर्षों से बंद रहना
भोपाल के हाजियों को मुफ्त आवास सुविधा देने के उद्देश्य से बनाई गई “मदीना रुबात” बीते पाँच वर्षों से बंद पड़ी है। आरोप है कि औक़ाफ़-ए-शाही द्वारा नियुक्त प्रभारी पर संचालन में गंभीर लापरवाही रही।
• अब्दुल करीम अंज़ी पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप (जांच की मांग)
प्रभारी अब्दुल करीम अंज़ी पर करोड़ों रुपये के ग़बन/घोटाले के आरोप लगाए गए हैं। आरोपों की स्वतंत्र जांच की मांग उठी है। (इन आरोपों की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।)
• वक़्फ़ बड़ी बाग़ की जमीन पर कथित अवैध कब्जे
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि कुछ मेंबरों के रिश्तेदारों द्वारा वक़्फ़ बड़ा बाग़ की जमीन पर गैरकानूनी कब्जा किया गया और अब तक कार्रवाई नहीं हुई।
• वक़्फ़ झिरिया शिफ़ा शाह (भरत टॉकीज़ क्षेत्र) की क़ीमती जमीन पर कब्ज़ा
शहर की प्रमुख और ऊँची मूल्य वाली जमीन पर अवैध निर्माण व कब्ज़े का मामला सामने आया है।
• सराय सिकंदरिया रेलवे स्टेशन क्षेत्र की संपत्तियों पर असामाजिक तत्वों की किरायेदारी
स्थानीय लोगों के अनुसार असामाजिक तत्वों का कब्जा होने से गरीब और जरूरतमंद लोग परेशान हैं।
• तारीखी मस्जिदों का रख-रखाव उपेक्षित
जामा मस्जिद और मोती मस्जिद जैसी महत्वपूर्ण धरोहरों के उचित संरक्षण और रखरखाव पर सवाल उठे हैं।
• नारियलखेड़ा और निशात अफ़ज़ा वक़्फ़ भूमि की सुरक्षा में असफलता के आरोप
आरोप है कि मूल्यवान जमीनों की सुरक्षा के लिए समिति की ओर से ठोस प्रयास नहीं किए गए।
• बड़ा बाग़ की जमीन मेट्रो प्रोजेक्ट के अधिग्रहण की चर्चाएँ
बड़ा बाग़ की जमीन मेट्रो ट्रेन परियोजना के हिस्से के रूप में अधिग्रहण किए जाने की खबरों पर भी सवाल उठ रहे हैं।
जवाबदेही की मांग तेज
इतने गंभीर सवालों के बीच औक़ाफ़-ए-शाही, भोपाल की प्रबंधन समिति से पारदर्शी जवाब की मांग उठी है।
कुछ लोगों का कहना है कि :
“अगर वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन साहब ही सभी कामों को देख रहे हैं, तो फिर स्थानीय प्रबंधन समिति की भूमिका क्या रह जाती है?”
औक़ाफ़ से संबंधित शिकायतों पर संज्ञान लेने के लिए सनव्वर पटेल का भी आभार व्यक्त किया गया है।

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