भोपाल। सिविल जज की तैयारी कर रही वकील और पूर्व छात्र नेता अर्चना तिवारी के ट्रेन से अचानक लापता होने का मामला अभी भी रहस्य बना हुआ है। जीआरपी पुलिस ने अर्चना की तलाश में जंगल, तालाब, नदी सहित 11 स्थानों पर सर्चिंग की, लेकिन अब तक उसके लापता होने की असली वजह सामने नहीं आ सकी।
पुलिस की जांच और सर्चिंग
पुलिस ने ट्रेन के कोच यात्रियों और वेटिंग हॉल में मौजूद लोगों से बातचीत की।
सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और साइबर सेल की मदद भी ली गई।
इसके बावजूद अर्चना का ठिकाना स्पष्ट नहीं हो सका।
पुलिस आरक्षक का नाम आया सामने
जांच के दौरान पता चला कि ग्वालियर के भंवरपुरा थाने में पदस्थ पुलिस आरक्षक राम तोमर ने अर्चना तिवारी के लिए इंदौर से ग्वालियर तक का ट्रेन टिकट बुक कराया था। हालांकि, अब तक जांच में उसकी कोई संदिग्ध भूमिका या साजिश का मामला सामने नहीं आया है।
परिवार से हुई बातचीत
इस बीच यह भी जानकारी मिली है कि अर्चना ने फोन पर अपने परिजनों से बात की है। पुलिस ने केवल इतना कहा है कि अर्चना सकुशल है, लेकिन वह इस समय कहाँ है और ट्रेन से अचानक क्यों लापता हो गई थी, इस पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है।
फैक न्यूज से मचा भ्रम
सोशल मीडिया पर चल रही खबरों में दावा किया गया कि अर्चना ग्वालियर से बरामद कर ली गई है, लेकिन जीआरपी ने इसे सिरे से खारिज किया।
“एक फैक न्यूज चल रही है कि अर्चना को ग्वालियर से बरामद कर लिया गया है, जबकि ऐसा कुछ नहीं है। कुछ एविडेंस मिले हैं, जिनके आधार पर टीम रवाना की गई है। प्रयास कर रहे हैं कि जल्द बरामद कर लें।”
(राहुल कुमार लोढ़ा, पुलिस अधीक्षक, जीआरपी, भोपाल )
गौरतलब है कि राखी के दिन अर्चना इंदौर से कटनी अपने घर लौट रही थी। वह नर्मदा एक्सप्रेस से यात्रा कर रही थी, लेकिन बीच रास्ते में ट्रेन से अचानक लापता हो गई। घटना के बाद से ही परिजन और पुलिस उसकी तलाश में जुटे हैं।
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