(क्राइम रिपोर्टर)
नीमच। भाजपा नेता राकेश भारद्वाज के पुत्र प्रबुद्ध उर्फ पाशु भारद्वाज से जुड़े विवादित प्रकरण में अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए बड़ा निर्णय लिया है। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) रविकुमार बौरासी ने लूट की धारा को खारिज करते हुए इसे डकैती का गंभीर मामला माना और केस को सत्र न्यायालय के सुपुर्द कर दिया है। अब आगे की सुनवाई वहीं होगी।
यह था मामला
11 जुलाई 2024 को भाजपा नेता राकेश भारद्वाज के बेटे प्रबुद्ध उर्फ पाशु भारद्वाज और उसके साथियों ने नीमच शहर के वीर पार्क रोड स्थित नारियल व्यापारी एवं आरएसएस नगर कार्यवाहक मोहन रामनानी की दुकान पर हमला किया था।
इस दौरान आरोपियों ने मारपीट, तोड़फोड़ और लूटपाट की थी। घटना के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए प्रबुद्ध समेत 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया।
45 दिन जेल में रहने के बाद भाजपा नेता के बेटे को जमानत मिल गई थी। फिलहाल सभी आरोपी जमानत पर बाहर हैं।
कोर्ट का नया आदेश
अब न्यायालय ने इस पूरे प्रकरण में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 310 (डकैती) जोड़ दी है। यह धारा बेहद गंभीर है और इसमें आजीवन कारावास तक का प्रावधान है।
इससे पहले आरोपियों पर कुल 11 धाराएं लगाई जा चुकी थीं, जिनमें
- धारा 309(2) (हत्या का प्रयास),
- 324(4) (घातक हथियार से हमला),
- 331(5) (गंभीर चोट पहुँचाना),
- 296 (सार्वजनिक उपद्रव),
- 351(2) (हमला),
- 61(2),
- 191(2),
- 191(3),
- 190 और
- 117(2) जैसी धाराएं शामिल थीं।
राजनीतिक हलचल भी तेज
यह मामला शुरुआत से ही राजनीतिक रूप से संवेदनशील बना हुआ है क्योंकि इसमें भाजपा नेता का पुत्र आरोपी है और पीड़ित पक्ष आरएसएस से जुड़ा है। अब अदालत द्वारा डकैती की धारा जोड़ने से आरोपियों की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं।
आगामी सुनवाई सत्र न्यायालय में होगी, जहां इस मामले के सभी पहलुओं पर विस्तृत बहस होगी।