दो जवान शहीद, तीन घायल; हमलावर फरार, राज्य हाई अलर्ट पर
मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है। शुक्रवार शाम (19 सितम्बर) को बिष्णुपुर जिले के नाम्बोल सबल लेईकाई इलाके में उग्रवादियों ने असम राइफल्स के काफिले पर घात लगाकर हमला किया। इस हमले में एक जेसीओ और एक जवान शहीद हो गए, जबकि कम से कम तीन अन्य जवान घायल हुए हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, असम राइफल्स की 33वीं बटालियन के जवान अपने पटसोई ऑपरेटिंग बेस से नाम्बोल बेस की ओर जा रहे थे, तभी घात लगाकर बैठे हमलावरों ने करीब शाम 6 बजे अचानक फायरिंग शुरू कर दी।
शहीद और घायल
- 2 जवान शहीद (एक जेसीओ और एक जवान)
- 3 जवान घायल, जिनमें से एक की हालत नाजुक बताई जा रही है
- घायलों का इलाज इंफाल के RIMS अस्पताल में जारी है
हमलावरों का फरार होना
सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि गोलीबारी के बाद हमलावर सफेद वैन में सवार होकर भाग निकले। जवानों ने जवाबी फायरिंग की लेकिन भीड़-भाड़ वाले इलाके में आम नागरिकों की सुरक्षा को देखते हुए संयम बरता। हमले के बाद क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है।
सुरक्षा एजेंसियों पर असर
यह हमला ऐसे समय हुआ है जब राज्य पहले से ही तनाव और हिंसा की चपेट में है। अधिकारियों का कहना है कि हमला 21 सितम्बर को प्रस्तावित बंद से जुड़ा हो सकता है, जिसे घाटी-आधारित उग्रवादी संगठन 1949 के मणिपुर विलय समझौते के विरोध में मना रहे हैं।
- अभी तक किसी भी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
- पूरे इम्फाल घाटी और संवेदनशील जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
आधिकारिक प्रतिक्रियाएं
- एडीजीपी आशुतोष कुमार सिन्हा: "सुरक्षा बल राज्य में शांति बहाली की कोशिश कर रहे हैं, इसके बावजूद घात लगाकर हमला किया गया।"
- राज्यपाल: शहीद जवानों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि "राष्ट्र की रक्षा में उनका बलिदान सदैव याद रखा जाएगा। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।"
- पूर्व सीएम एन. बीरेन सिंह: एक्स पर लिखा, "यह हमला गहरा आघात है। शहीदों का साहस और बलिदान हमेशा याद रहेगा। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।"
मणिपुर में असम राइफल्स के काफिले पर हुआ यह घातक हमला न केवल राज्य की सुरक्षा स्थिति पर गंभीर सवाल उठाता है, बल्कि आगामी 21 सितम्बर ‘ब्लैक डे’ विरोध से पहले शांति और स्थिरता को बड़ी चुनौती भी देता है। सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं और हमलावरों को पकड़ने के लिए संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है।