सीहोर। जिले के ग्राम पिपलिया मीरा में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब दो साल की मासूम दीक्षा की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि बरखेड़ी स्थित मुस्कान क्लिनिक में ‘डॉक्टर’ अशोक विश्वकर्मा द्वारा लगाए गए एक इंजेक्शन ने उसकी हालत बिगाड़ दी।
परिवार का कहना है कि दीक्षा को खांसी और बुखार की शिकायत थी। इसलिए 2 अक्टूबर की सुबह वे गांव से लगभग 3 किलोमीटर दूर ग्राम बरखेड़ी में स्थित मुस्कान क्लिनिक गए।
वहां डॉक्टर अशोक विश्वकर्मा ने उसे इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगने के कुछ ही देर बाद लड़की की हालत बिगड़ने लगी और वह कोमा में चली गई।
तुरंत उसे सीहोर जिला अस्पताल लाया गया और भर्ती किया गया। वहां हालत में सुधार न होते देख उसे भोपाल के हमीदिया अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया।
परिवार ने बाद में बच्ची को भोपाल स्थित मनन चाइल्ड केयर अस्पताल (लालघाटी) में भर्ती कराया।
लगभग पांच दिन संघर्ष के बाद, 7 अक्टूबर की सुबह दीक्षा ने अस्पताल में अंतिम साँस ली।
परिजनों ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर अशोक विश्वकर्मा ने मामले की गंभीरता को समझे बिना ही गलत या जटिल इलाज किया।
उन्होंने यह भी दावा किया है कि जैसे ही मामला गंभीर हुआ, डॉक्टर और उनका परिवार क्लिनिक बंद कर फरार हो गए।
सूचना मिलने पर पुलिस ने घटनास्थल पहुंचकर जांच शुरू कर दी है और मृतका का पोस्टमार्टम कराया गया है।