(खान आशु )
भोपाल। चयनित हाजियों के लिए यह शॉक लगने जैसी खबर है। अगर उन्होंने हज खर्च की एक या दो किश्तें हज कमेटी को जमा कर दी है, लेकिन किसी वजह से वे हजयात्रा पर नहीं जा पा रहे हैं तो इसकी सूचना समय पर हज कमेटी को देना होगी। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो कुछ समय गुजरने के बाद उनकी राशि न लौटाने जैसी भी हो सकती है।
सूत्रों के मुताबिक हज कमेटी ऑफ इंडिया ने कैंसिलेशन करने वाले हाजियों से इसके एवज में राशि वसूलने की तैयारी की है। यह राशि अलग अलग समय पर दी गई सूचना के अनुसार तय होगी। इस दौरान एक अवस्था ऐसी भी आएगी, जब हाजियों को जमा की गई राशि में से कुछ भी पैसा वापस नहीं मिलेगा।
ऐसे तय है कैंसिलेशन राशि
30 सितम्बर तक 5000
1 से 15 अक्टूबर तक 10000
16 से 31अक्टूबर तक 15000
1 से 15 नवंबर तक 20000
16 से 30 नवम्बर तक 25000
1 से 15 दिसंबर तक 30000
16 से 31 दिसंबर तक 35000
1 से 15 जनवरी तक 50000
16 से 31 जनवरी तक 100000
31 जनवरी के बाद जमा की गई पूरी राशि जमा हो जाएगी
समय से पहले जमा कर ली राशि
13 अगस्त को हुए हज कुर्रे के बाद हज कमेटी ने तत्काल यात्रा खर्च की पहली किस्त जमा करने के लिए फरमान जारी कर दिया। पहले 20 और फिर 25 अगस्त को अंतिम तारीख मानकर हाजियों से किश्त जमा करा ली गई है। इसके मुताबिक प्रत्येक हाजी से एक लख, 52 हजार, 300 रुपए जमा कराए गए हैं। इस प्रक्रिया में हज कमेटी ऑफ इंडिया के पास करीब 15 अरब रुपए जमा हुए हैं।
होते हैं जरूरी कारण
हज का अहम फर्ज पूरा करने हर कोई चाहता है। इसी उम्मीद में वह फॉर्म भरने की प्रक्रिया में शामिल होता है और पैसा जमा करता है। उसे किसी जरूरी कारण से ही हज यात्रा कैंसिल करना पड़ती है। किसी के इंतेकाल या बीमार होने से यह हालात बनते हैं। समय पर बाकी पैसा नहीं कर पाने पर भी उसे हज यात्रा कैंसिल करने जैसा कदम उठाने की मजबूरी होती है।