(फ़िरोज़)
उज्जैन। उज्जैन जिले में शनिवार देर रात हुई एक दर्दनाक दुर्घटना ने पूरे पुलिस विभाग को झकझोर दिया। शिप्रा नदी में कार गिरने से तीन पुलिसकर्मी हादसे का शिकार हो गए। इनमें से दो पुलिसकर्मियों के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि एक महिला आरक्षक अभी भी लापता है।
कैसे हुआ हादसा?
शनिवार रात लगभग 8:45 बजे उन्हेल थाना प्रभारी अशोक शर्मा, एसआई मदनलाल निमामा और महिला आरक्षक आरती पाल एक लापता महिला की तलाश में निकले थे। इस दौरान उनकी कार शिप्रा नदी के एक पुल से अनियंत्रित होकर नदी में जा गिरी।
बरामदगी व तलाश
थाना प्रभारी अशोक शर्मा और एसआई मदनलाल निमामा के शव नदी से निकाल लिए गए हैं। महिला आरक्षक आरती पाल का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है।
घटना के बाद से ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, होम गार्ड्स और पुलिस बल लगातार राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं। ड्रोन, नाव और गोताखोरों की मदद से तलाश अभियान चल रहा है।
20 घंटे से अधिक चला सर्च ऑपरेशन
करीब 20 घंटे से नदी में लगातार तलाशी अभियान जारी है। शिप्रा का तेज प्रवाह और गहराई बचाव कार्य को कठिन बना रहे हैं।
एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि पुल पर सुरक्षा मानकों की कमी और बारिश की वजह से यह हादसा और भी गंभीर बन गया। एसपी श्री शर्मा ने बताया कि उन्हेल थाना प्रभारी अशोक शर्मा, सब-इंस्पेक्टर मदनलाल निनामा और महिला आरक्षक आरती पाल शनिवार को गुराडिया-सांगा क्षेत्र से लापता हुई 14 साल की बालिका की तलाश में चिंतामण जा रहे थे। इस दौरान यह हादसा हो गया। एसपी शर्मा ने कहा कि संभवतः कार महिला आरक्षक आरती चला रही थीं, इस दौरान शिप्रा नदी के बड़े पुल से अनियंत्रित होकर कार नदी में गिर गई। उन्होंने बताया कि थाना प्रभारी अशोक शर्मा के बाद सब-इंस्पेक्टर मदनलाल निनामा का भी शव नदी से बाहर निकाल लिया है। महिला आरक्षक आरती पाल और कार की तलाश की जा रही है।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस विभाग में शोक की लहर है। स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में मौके पर मौजूद होकर राहतकर्मियों की मदद कर रहे हैं।