(विशेष संवाददाता)
भोपाल। प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने उपभोक्ताओं को राहत देते हुए स्मार्ट मीटर लगाने की अनिवार्यता को 31 मार्च 2028 तक टाल दिया है। पहले तय समयसीमा मार्च 2025 तक थी, लेकिन बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) की मांग और उपभोक्ताओं के विरोध को देखते हुए आयोग ने यह बड़ा फैसला लिया।
जानकारी के अनुसार, डिस्कॉम्स ने तकनीकी समस्याओं, भारी लागत और उपभोक्ताओं की आपत्तियों का हवाला देते हुए समय सीमा बढ़ाने की गुहार लगाई थी। आयोग ने इसे स्वीकार करते हुए नई समय-सीमा तय कर दी।
अब उपभोक्ताओं को शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में सामान्य (एनालॉग) मीटर लगाने की अनुमति रहेगी। वहीं, स्मार्ट मीटर लगाने की बाध्यता केवल 2028 के बाद लागू होगी।
बता दें कि स्मार्ट मीटर योजना का उद्देश्य उपभोक्ताओं को सटीक बिजली खपत का बिल देना, लाइन लॉस कम करना और डिस्कॉम्स को डिजिटल डेटा उपलब्ध कराना है। लेकिन लगातार विरोध, तकनीकी खामियों और लागत को देखते हुए फिलहाल इस योजना को स्थगित कर दिया गया है।
- स्मार्ट मीटर की अनिवार्यता अब 31 मार्च 2028 तक टली।
- शहरी व ग्रामीण उपभोक्ता सामान्य मीटर लगवा सकेंगे।
- डिस्कॉम्स की मांग और उपभोक्ताओं के विरोध पर फैसला।
- तकनीकी खामियां और लागत बड़ी वजह बनीं।